नई दिल्ली। भारत के मुख्य व्यापार वार्ताकार Trump Tariffs पर बातचीत के लिए वाशिंगटन डीसी में हैं। उनके लिए अगला हफ्ता काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी हफ्ते तय हो जाएगा कि भारत और अमेरिका के बीच कोई मिनी डील (India-Us Deal) होगी या दोनों देश कम से कम अभी के लिए वार्ता की मेज से हट जाएंगे। वैसे, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ समझौते के बाद भारत के साथ जल्दी ही ‘बहुत बड़ी डील’ हो सकती है।

ट्रंप ने गुरुवार को ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ इवेंट में कहा कि अमेरिका ने चीन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि उन्होंने इसके बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया। चीन के साथ जून की शुरुआत में भी एक सौदा हुआ था। माना जा रहा है कि उसी डील को आगे बढ़ाया गया है। चीन मैगनेट और रेयर अर्थ की सप्लाई सामान्य करेगा। उसी कार्यक्रम में ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत के साथ जल्द ही बहुत बड़ा सौदा होगा।

ट्रंप ने 2 अप्रैल को ‘मुक्ति दिवस’ घोषित करते हुए करीब पांच दर्जन देशों से आयात पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। तब भारत पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया था। लेकिन एक हफ्ते बाद रेसिप्रोकल टैरिफ पर अमल 90 दिनों के लिए टाल दिया था। वह समय सीमा 8 जुलाई को खत्म हो रही है। यदि तब तक कोई समझौता नहीं होता है, तो भारत को नए सिरे से टैरिफ अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा। हालांकि पर्यवेक्षकों को फिर से टैरिफ लागू होने की संभावना नहीं दिखती है।

विकल्प 1ः इंग्लैड की तर्ज पर भारत के साथ भी मिनी डील संभव

थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार फिलहाल दो रास्ते दिख रहे हैं। ज्यादा संभावना 8 मई को घोषित अमेरिका-इंग्लैंड मिनी ट्रेड डील की तर्ज पर कोई सीमित व्यापार समझौता हो जाए।

इस तरह के सौदे के तहत, वाशिंगटन की मांग को स्वीकार करते हुए भारत ऑटोमोबाइल सहित कई औद्योगिक वस्तुओं पर MFN टैरिफ में कटौती कर सकता है। कृषि क्षेत्र में भारत इथेनॉल, बादाम, अखरोट, सेब, किशमिश, एवोकाडो, जैतून का तेल, स्पिरिट और वाइन जैसे चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ घटा सकता है।